25 January 2020

khyal/poetry:--तू तो नहीं आती



तू तो नहीं आती मुझसे मिलने होगी तुम्हारी कोई मजबूरी ?
मगर तुम्हारी यादें अक्सर मुझे "अनाहूत” की तरह आ जाती। 

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐ 

तेरे बगैर हम युहि कहीं सुवह से शाम गुजार लिया,
यादों में दिन ख्वाबो में रात कई साल गुजार दिया। 

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐ 

सुन पगली मैं इतनी आसानी से तुझे भूला नहीं सकता,
हाँ, ये बात अलग है साँसें रुक जाय व दिमाग तुझे याद ना कर सकें।

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐ 

किसी की नजर में खुद को गिरा लेना कहां की अकल मंदी है ?
खुद को गिराकर किसी की जिन्दगी सवार देना जरूर अकल मंदी है।

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐ 

कैसे कैसे लोग होते दर्द को मीठा कहते,
जख्म को तोहफा समझ गले लगाये रहते।
खुद से ही बातें करते अपनी ही दुनिया में रहते,
लाख दे दो हुर इनको प्यार से ना धोखा करते। 

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐ 

मैंने हर चीज को बिकते हुए देखा है बाजार में,
आप ना मानो मगर मोहब्बत भी बिकते है बाजार में।
हमारा प्यार क्यों बिखर जाता परवान चढ़ने से पहले,
क्योंकि Dr. En. Gov. IT वाले खरिद ले जाते शहर में I
             (खरीद=शादी)
                           


                                                           ⭐ Anand 

21 January 2020

KHYAL/Poetry:--आज फिर“मिलन"



कभी आखो के तारा थे, उसीके दिल में रहते थे, 
मैं कहता हू नहीं ऐसा वही ऐसा मुझसे कहते थे 
तुम्हे ना देखू सुबह को तो दिन अच्छा नहीं होता, 
तुम जो दिख जाओ हमे तो दिन अच्छा हो जाते थे 
मैं कहता हू नहीं ऐसा वही ऐसा मुझसे कहते थे 
गुजारो कुछ पल साथ तो वक्त भी यु कट जाते थे, 
अकेले में वक्त साये की तरह ठहर जाते थे, 
मैं कहता हू नहीं ऐसा वही ऐसा मुझसे कहते थे 
जमाने से हम लड़ सकते, तुम दोगे साथ मेरा, 
कियो झूठी तसली वो हर पल देते रहते थे 
मैं कहता हू नहीं ऐसा वही ऐसा मुझसे कहते थे

⭐⭐⭐⭐⭐⭐

हाले दिल सब पढ़ लेता है, कोई मुझे पढ़ नहीं पाता।
मतलबी है ये दुनिया वाले, मेरी आँसू कियो नहीं दिखता।

⭐⭐⭐⭐⭐⭐

आज फिर “मिलन” पीने की जीद ना करो,
मैं पहले से ही बहुत ज्यादा पी रखा हूँ ।
गम आए मेरे दरवाजे पे तो खुद झक मारे,
पहले से ही बहुत गम दिल में भर रखा हूँ।
जब हजार दिल इस चेहरे पे रिझते थे,
मैं गुमान में कुछ इस तरह फुला रहता था।
ये फैसला नहीं तो और किया है कुदरत का ?
सब हँसते है मुझ पे और मैं चेहरा छुपा रखा हूँ।




⭐ ANAND

KHYAL/Poetry:--अपनी आँखों से देखा तो


सोचता हू कभी तो सिर्फ़ तुम्हारा ही ख्याल आता है ?
हर फूल किया हर पतियों में तुम्हारा ही चेहरा दिखाई देता है ?

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

मेरे और आपके बीच अजीब से रिश्तों का एहसास है ? मैंने कभी 
कहने की हिम्मत नहीं की ?आपने कभी समझने की कोशिश नहीं की ? 

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐
 
अपनी आँखों से देखा तो अजनबी सा लगा, 
माथे को दुखाया तो सारा समंदर याद आने लगा। 
हाँ, तुम वो ही हो ना जो वर्षो पहले मेरी आरजु बनी थी ? 

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐ 

दिल परेशान है इस कदर आज क्यों फिर से, 
दबी हुई मोहब्बत जाग उठी आज क्यों फिर से। 

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐ 

जितनी इज्जत से तुझे प्यार करता था या करते है। 
उतनी ही इज्जत से तुझे प्यार करते रहेंगे। 
ये तुझको और अपने आपको विश्वास देता हूँ 

⭐⭐⭐⭐⭐⭐ 

कहने के लिए मैं शायर हूँ इसलिए हर इंसान की नियत 
पहचाता हूँ, मगर मेरे शेर भी झूठे होने लगते उस बेवफा को 
देखकर जिनका तारिफ किया करता था कभी शेरो में। 

⭐⭐⭐⭐⭐⭐ 

बच्चे है नादान है पाँच सो हजार में मान जाते है ? 
मार देते पत्थर हिफाजत करने वाले फरिसते को, 
कभी तो अकल आयेगी इन नादान बच्चों को ? 

⭐⭐⭐⭐⭐⭐ 

ऐ खुदा तुम्हें किस तरह मैं बखसू समझ नहीं आता, 
अगर जुदा ही करना था तो उनसे मिलाया ही क्यों था? 

⭐ ANAND

Khyal/Poetry:--मैं दीवाना बनू या पागल


मिलन की आश दिल में लिए दो बसंत बितने वाला है,
मन कहता चल उड़ जा पंछी अपना देश ?
तजुरवा कहता कुछ देर तो रुक सबेरा होने वाला है।

⭐⭐⭐⭐⭐⭐

मेरे मुस्काने की बजह मत पूछ ? “दर्द ए जख्म” उभर जाएगे,
तुम भी ओंरो की तरह “खिस्सा ऐ आम” सुन चल दोगी ?
मैं भी पहले की तरह जख्म ए मरहम मलता रह जाएगा।

⭐⭐⭐⭐⭐⭐

मैं दीवाना बनू या पागल बनू इल्जाम ना तुझपे आएगा
बेफिक्र रहो, खुश हाल रहो, जिस जगह पे हो आवाद रहो,
मैं कल भी खामोश था आज भी हू और कल भी रहूँगा

⭐⭐⭐⭐⭐⭐

उसके साथ मिलकर ख्वाब क्या सजाउ, खाख ?
वो कल किसी और के साथ थी, जो आज मेरे साथ है,
परसो किसी और के साथ होगी, जो आज मेरे साथ है,
मगर मुझ जैसे दिवानो का किया जो रोज छलै जाते है ?

⭐⭐⭐⭐⭐⭐

गर प्यार दोनों तरफ होता तो हम एक दूसरे को भुला दिये होते ?
प्यार तो मैंने एक तरफा किया था। इसलिए अब तक भूला ना पाये ।



⭐ आनन्द

POETRY:--आपकी मर्जी आप ही जानो


तुमने छेड़ा मुझे मैं तो पागल हुआ,
अच्छा पहले ही था जो छेड़ा ना था।
जख्म फिर से हरे आजकल हो गये, 
अच्छा पहले ही था जो कूदेड़ा ना था 
तुझको भूला दू तुने वर्षो पहले कहा था,
इस दिल पे पत्थर मैंने रख लिया था,
दर्द फिर से शुरू आजकल हो गये,
अच्छा पहले ही था जो पत्थर हटाया ना था 
आँसू छलक आया आज इन आँखों में,
सूखे पड़े थे पत्ते अपने ही साखो में,
जिशम में जान फिर आजकल आने लगे,
अच्छा पहले ही था जो जिशम में जान ना था 
(छेड़ा= याद दिलाना)

⭐⭐⭐⭐⭐⭐

आपकी मर्जी आप ही जानो,
दिल को लगाओ या दिल को तोड़ो।
मैं तो हूँ इक नादान खिलौना,
आपकी मर्जी दिल से जितना खेलो।
मैं तो फूल बना आपकी खातिर,
आपकी मर्जी पैरों से जितना कूचलो।
मैं काफी हूँ गम उठाने के लिए,
आपकी मर्जी इस काबिल ना समझो।
“मिलन” की आश इन आँखों में,
आपकी मर्जी हमसे मिलने ना आओ। 


⭐ ANAND

Poetry:--तेरे आने की एहसास



मिनते भी की अपनी ख्वाईस भी बताया उस बूत के सामने 
रोया गिरगिराया तड़पा भी बहुत उस भगवान के सामने

⭐⭐⭐⭐⭐⭐

तराना प्यार का गाऊ, या कोई लोरी बच्चों को सुनाऊ 
जब भी कुछ गुनगुनाऊ, तो मोहब्बत के गीत गाऊ 

⭐⭐⭐⭐⭐⭐

दर्द तो दर्द होता है, पूछो क्या दर्द होता दिवाने से 
हाँ, ये अलग बात है की, दर्द जब मीठा लगने लगे तो 
जबाब यही देगे दीवाने क्या मजा आ रहा हैजीने में 

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

दुआओ का दौर जारी है, दवाओं का दौर जारी है,
जिसने भी सुनी मेरी कहानी और देखी हालात ?
सबने कहा इसकी तो अब जान जाने की तैयारी है।

⭐⭐⭐⭐⭐⭐

मैं चाह कर भी चाँद अपने घर में कैद नहीं कर सकता, 
गर किया हुआ दूर से ही सही अपने चाँद को देख तो सकता ?
तू चाँदनी बिखेरो गैरो के आँगन में कोई फर्क नहीं परता, 
मेरे हिस्से की थोड़ी सी चाँदनी दे ही सकती झरोखे से ? 

⭐⭐⭐⭐⭐⭐

तेरे आने की एहसास, मुझे हर घड़ी क्यों होता है 
तुम नहीं आओगी जानता हू, दिल क्यों नहीं मानता है 
ऐसा लगता है खुशबू बन, मेरे आस पास ही रहती हो 
हवाओ संग मिल मेरे बदन गुदगुदा जाती हो 


⭐आनन्द

Poetry:--मिलन ए नादान दिल


मिलन ए नादान दिल इजहारे मोहब्बत वर्षो पहले 
भी ना कर सका,
क्म्वाखत दिल आज तक Facebook पर Friend Request 
भी ना भेज सका।

⭐⭐⭐⭐⭐⭐

तेरे आने का एहसास हर घड़ी क्यों होते है
तुम नहीं आओगे जानते हैं दिल क्यों नहीं मानते हैं।
ऐसा लगता खुशबू की तरह मेरे आस पास ही रहते हो,
हवाओं में मिलके तेरी यादें बदन को गुदगुदा जाते हैं।

⭐⭐⭐⭐⭐⭐

तू भी वादे की पक्की है अदृश्य शक्ति बन मेरे 
आस पास ही रहती है।ऐहसान तेरा ये कैसा 
मुझ पर, जब भी देखता सामने होती है। माना कि 
ए सोच मिलन गुजरा हुआ कल लगता है। फिर भी तू 
नित्य मेरे शरीर में, नव ऊर्जा का संचार भरती है।

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

तेरे साये से लिपट कर रोने का आज मन करता हैं,
सच कहूँ तो दिल से गुनाह कबूल करने का मन करता हैं।
मोहब्बत खेल होता गर तो सबसे बड़ा खिलाड़ी मैं होता ?
हर दिल फरेब को दिल तोड़ने का सजा जरूर मिलता है।

⭐⭐⭐⭐⭐⭐

“मिलन” ए नादान दिल अपनों से अपना पन समझ 
गीला सिकवा कर लिया,अपनों ने पराया समझ 
पहले बात करने का, सलिका सिखने का नसिहत दे दिया।

⭐ ANAND

khyal/Poetry:--आए हो मिलने कुछ देर


आए हो मिलने कुछ देर ठहर जाओ,
ये बारिश थम जाने दो फिर चले जाओ 
बड़ी मुद्दत व सिद्दत से संभाला आँखों में,
आज खुब बरसने दो फिर चले जाओ 
कोई बोझ ना रहे दिल में तसली कर लू,
ये बोझ उतरने दो फिर चले जाओ 
तुझसे मिलने की सिकवा ना हो दिल में,
रुह ए मिलन मिलने दो फिर चले जाओ 
हम दोनों कन्ही रहे दूजे के दिल में रहे,
ये कसम आज खाने दो फिर चले जाओ

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

जीवन में हर कोई प्रेम करता हैं,
मैं मरने के बाद भी तुझे प्रेम करुगा।
तू हर दिन खुश रहे कन्ही भी रहे,
मैं तेरे लिए हर दिन प्रार्थना करुगा।

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

तू भी खुश है गैरो की बाहो में समा के,
मैं भी खुश हूँ औरों की किस्मत में समा के।
ये सब विधाता का बनाया हुआ खेल है ?
वरना हम तुम होते दूजे के बाहो में समा के।

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

मैं दीवाना बनू,पागल बनू इल्जाम ना तुझपे आएगा
बेफिक्र रहो खुश हाल रहो जिस जगह पे हो आवाद रहो
मैं कल भी खामोश था आज भी हू और कल भी रहूँगा


⭐ ANAND

20 January 2020

Khyal/Poetry:--तेरे बगैर युहि कहीं रात


कुछ लड़कियाँ बड़े ही किस्मत वाली होती है ?
जिस लड़का का हाथ थामती वो जिन्दगी भर साथ निभाता 
और जिस लड़का का हाथ छोड़ती वह लड़का जिन्दगी भर
उस लड़की की खुशहाली के लिए खुदा से दुआ माँगता रहता।

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

ये मेरा शौक है या मजबूरी, हर एक गजल के बाद एक 
नया गजल लिख लेता हूँ।
खुदा का लाख लाख शुक्र ऐ मिलन इसी बहाने 
तुझे याद कर लेता हूँ।

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

सोचता हू कभी तो सिर्फ़ तुम्हारा ही ख्याल आता है ? 
हर फूल पतीयों में चेहरा तुम्हारा ही दिखाई देता है ?
 
⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

सुन पगली मैं इतनी आसानी से तुझे भूला भी नहीं सकता,
हाँ, ये बात अलग है साँसें रुक जाय दिमाग याद ना कर सकें।

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

सोचता हू कभी उन फूलो को देखकर जो मेरे बाग नहीं
ख्याल आता है वो चेहरा जो मेरे तकदीर में नही

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

तू तो नहीं आती मुझसे मिलने होगी तुम्हारी कोई मजबूरी ?
मगर तुम्हारी यादें अक्सर मुझे “अनाहूत” की तरह आ जाती।

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

तेरे बगैर युहि कहीं रात गुजार लिया,
यादों में दिन खाबो में रात कई साल गुजार दिया।


⭐ आनंद

Poetry:--इंतज़ार ऐ मोहब्बत मिलन


“तेरी यादें दिल को सुकून दे जाती है,
वरना तुझे कब का भुला दिया होता,
जख्म ए मिलन दिल मरहम लगा जाती है
वरना कब का दर्द से मर गया होता,”

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

“तू एक हिस्सा है मेरे जीवन का, 
माना ये ख्वाब है मेरे हकीकत का
तू क्या सोचती थी उस वक्त ? 
मैं नही जान पाया आज तक
तू प्रेरणा है मेरी हर लेखन की, 
गीत गज़ल लिखता आज तक

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

“हम ना मिल सके किस्मत की बात है 
मगर कबूल किए प्रेम ये बड़ी बात है 
मिलना बिछड़ना जिन्दगी की द्स्तूर है 
दूर ही सही दिल में बसना बड़ी बात है” 

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

इंतज़ार ए मोहब्बत मेरे किस्मत में ही लिखा है 
एक झलक देखने के लिए, गलियों का चक्कर लगाता था। 
आज कल फेसबुक-व्हाटसएप पे, DP बदलने का इंतजार करता है।

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

दर्द तो पत्तों को भी होता, पेड़ से जुदा होने पर
दर्द तो फुल को भी होता, शाखो से जुदा होने पर 
दर्द तो उन्हें भी बहुत होता, इस “दर्द” को समझने पर


⭐ ANAND

Khyal/Poetry:--अजनबी बन के गुदगुदाया,


अजनबी बन के गुदगुदाया ना करो,
सामने आ के पहचान छुपाया ना करो
अंदाजे बया सब वही सलीका भी वही,
ऐसा लगता है पहले भी मिल चुके हैं कभी।
आदत तुम्हारा जुबा खामोशी का गया नहीं
हर बात दिल में रख छुपाया ना करो
तेरे जुबा से सुनने को तरसती रह गई,
मैं देखते देखते गैरो की होकर रह गई।
जाने क्यों तुझे वो बात कहना आया नहीं
मुझे हँसा अपनी आँसू छुपाया ना करो
चलो फिर से जीवन की शुरुआत करे,
मिलन नसीब में नहीं दोस्ती ही करे।
हमारा दोस्ती भी खुदा को रास आया नहीं
हम दूर रहे फिर भी भुलाय ना करो

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

हम दिवानो की क्या हस्ती है टूट कर एक 
दिन शौक से बिखर जाऊँगा।
होने ना देंगे कभी बदनाम तुझे,राज ए 
दिल में मोहब्बत ले कर मर जाऊँगा ।

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

मिन्रते ए मिलनबार बार की हमने,
इतना आँसू बहाया पैर धूल गये उनके।
पत्थर होता तो भगवान निकल आते,
प्रेम कहां समझते शैतान दिल उनके ?


⭐ ANAND

Khyal/Poetry:--सपनों की लड़ाई में तुम जीतो


सपनों की लड़ाई में तुम जीतो मैं हारा 
इसी तरह बहती रहे जीवन धारा 
दो पाटो में पीसता है संघर्ष हमारा 
सुख दुःख दोनों है नदी जीवन किनारा 
सपनों की लड़ाई में........। 
दुःख से कौन अब तक बच पाया है ? 
सुख किसको अब तक मिल पाया है ? 
और चाहिए और चाहिए की चाहत में 
खेत खलिहान घर गाँव सब है छोड़ा 
सपनों की लड़ाई में...........।। 
(तुम = अधिक लालसा) 

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐ 

चकोर तेरी किस्मत में लिखी है जूदाई, 
चाँद को दूर से देखना ललचाना व तड़पना 
फिर भी तू चाँद के सलामती की दुआ माँगती 
हर रोज ईश्वर से कामना उससे मिलने की करती 
शायद यही सोच रात भर मीलों चलती व उड़ती , 
एक टक (ध्यान से) होकर उसे देखती रहती है। 
ऐसा नहीं है कि चाँद तेरी चाहत को नहीं समझता, 
किस्मत के आगे आखिर किसका जोर है चलता ? 
जमीं आसमा की दुरी कोई आखिर कैसे मिटा सकता ? 

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐ 

घर की औरतें भी कमाल की होती, 
आपस में उलझे हुए बालों को सुलझा लेती, 
मगर,आपस में उलझे हुए रिश्ते नहीं सुलझा पाती ? 


⭐आनन्द

khyal/Poetry:--तू खूबसूरत है या तेरी तस्वीर


किसी के दिल में उतर कर राजे दिल मोहब्बत 
जानना अच्छी बात हैं,
मगर, राजे दिल मोहब्बतजानकर मुँह फेर लेना 
कहां की अच्छी बात हैं?

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

मेरे और आपके बीच अजीब से रिश्तों का एहसास है ?
मैंने कभी कहने की हिम्मत नहीं की ?आपने कभी 
समझने की कोशिश नहीं की ?

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

मेरे ये दोनों हाथ जब भी उठता हैं तुम्हारी सलामती 
के लिए खुदा के आगे उठता है 
मगर मेरी औकाद तुम्हारी नजरों में बेगाने शादी में 
अब्दुल दीवाना” जैसा लगता हैं ।

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

आँख उठाकर दूर तलक देखा तो समंदर ही समंदर 
नजर आया,
आँखे मूंद कर देखा तो अपनी दुनिया ही रेगिस्तान 
नजर आया।

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

तू खूबसूरत है या तेरी तस्वीर ही खूबसूरत है ?
जो भी है, अब तो तेरी तस्वीर ही खूबसूरत है ?

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

खुश किस्मत तुम हो या खुश नसीब मैं हूँ ?
तुम याद आती हो या मैं तुम्हें याद करता हूँ ?

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

कभी सोचा भी नहीं की दुनिया विरान बन जाएगी,
क्योंकि जब वो आइ थी जीवन में बहार बन छायी।

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

ऐ खुदा तुम्हें किस तरह मैं बखसू समझ नहीं आता,
अगर जुदा ही करना था तो उनसे मिलाया ही क्यों था?


⭐ आनंद

Khyal/Poetry:--हाँ चोर तो मैं कल भी था


हाँ, चोर तो मैं कल भी था और आज भी हूँ,
ये अलग बात हैं कि कल तक दिल चुराया करता था,
आज कल उनकी तस्वीर फेसबुक से चुराया करता हूँ।

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

तेरे साये से लिपट कर रोने का आज मन करता हैं,
सच कहूँ तो दिल से गुनाह कबूल करने का मन करता हैं।
मोहब्बत खेल होता गर तो सबसे बड़ा खिलाड़ी मैं होता ?
हर दिल फरेब को दिल तोड़ने का सजा जरूर मिलता है।

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

मैं अपने हिस्से का प्यार तुझे आज भी देता हूँ,
तेरी हर इनकार को आज भी हँस कबूल लेता हूँ।
मेरे हर गीत में खुशबू की तरह महकती हो,
जो गीत ना महके गेरों का लिखा समझ लेता हूँ।

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

दिल परेशान है इस कदर आज क्यों फिर से,
दबी हुई मोहब्बत जाग उठी आज क्यों फिर से।

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

अपनी आँखों से देखा तो अजनबी सा लगा,
माथे को दुखाया तो सारा समंदर याद आने लगा।
हाँ, तुम वो ही हो ना जो वर्षो पहले मेरी आरजु बनी थी ?

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

आज कल दिल बोझ सा क्यों लगने लगा हैं,
उसके नाम के साथ मेरा नाम क्यों जुड़ने लगा हैं।
मोहब्बत नाम सुन रखा था बहुत पहले जमाने से ,
न जाने मुझे एहसास मोहब्बत सा क्यों होने लगा हैं।

⭐ आनन्द

khyal/Poetry:--आप बैठो कुछ ना बातें


आप बैठो कुछ ना बातें करो वक्त यु ही 
गुजर जाएगा,
जिन्दगी निभाने की बात नहीं, कुछ देर बैठोगे 
तो किया जाएगा 
अच्छा पहले ही था तुम आए ना थे तनहा 
खोया मैं रहती थी,
वर्षो बाद आए तुम दर्द मेरा सुन लोगे तो 
किया जाएगा 
शुरुआत बस वहीं से करो बिछड़े थे जहाँ 
वहाँ से आगे बढ़ो,
एक दुजे की बात सून दिल हल्का करे 
तो किया जाएगा 
एक झूठी तसली दे दो मुझे छोड़कर ना 
जाओगे कह दो मुझे,
साँस थम जाने दो फिर चले जाना ये कह दोगे 
तो किया जाएगा 
ख्वाहिशे मेरी कुछ जादा ना थी जी भर देख 
लू तमन्ना ये थी,
हम फिर से इक बार नयन मिलन कर लेंगे 
तो किया जाएगा

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

एक ही तो दौलत था अपने पास मिलन,
राजे दिल मोहब्बत पे बड़ा गुमान था।
कोई कैसे इस तरह लूट कर चला गया,
मैं पहचान कर भी कुछ ना कर सका ?

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

ऐ खुदा तुम्हें किस तरह मैं बखसू समझ नहीं आता,
अगर जुदा ही करना था तो उनसे मिलाया ही क्यों था?

⭐ ANAND

khyal/Poetry:-पलटता हूँ बार बार किताबों


पलटता हूँ बार बार किताबों के पन्ने,
यु हि पलट जाते मेरी जिंदगी के पन्ने।
सपने रोज देखता हूँ रातों को मगर,
हिम्मत नहीं जुटा पाता हूँ जो हैं कहने।
सब अपने मतलबो के लिए चाहा मुझे,
मेरी चाह कोई समझे कहां नसीब है अपने।
मेरे जख्म पे मरहम हर कोई लगाया,
जख्म देने वाले आओ तो सही मिलने।
मिलन उन्हें दुआओ में खुशियाँ देगा,
होंगे खुश मौत पे, तो चला मौत से मिलने।

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

अकेले ही अकेले मुसकूरा लेता हूँ,
राज गहरा मन ही मन दोहरा लेता हूँ।
कोई पूछ लेता मुझसे मुस्कूराता देख,
फिर एक नया बहाना बना लेता हूँ।

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

टूटे हुए तारों को देख मंन्रते पुरी होती है, 
कसमे खाये दोस्त दूर होते नजर आते है।
समभल कर ख्वाब सजाना ए नादान मिलन
वरना हकीकत भी सपने होने लगते है।

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

दूपटा से लिपटा तेरा चेहरा सरमा रहा हैं, 
बादलों में चाँद जैसे खुद को छिपा रहा हैं।
होता यकीन नहीं तो आईना से पूछ लो,
खुद जान जाएगी की तुम कितनी हसीन हैं।

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

दुआओ का दौर जारी है, दवाओं का दौर जारी है,
जिसने भी सुनी मेरी कहानी और देखी हालात ?
सबने कहा इसकी तो अब जान जाने की तैयारी है।

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

एक कमी है मुझमें यारो, हाले दिल सब कह देता हूँ।
बदकिस्मत अपनी यारो, सबको सब कुछ कह देता हूँ।


⭐ आनन्द

KHYAL/Poetry:-यु हि चुपके से कोई


यु हि चुपके से कोई मेरा दिल दुखा जाता है,
लाख कोशिश कर लु फिर भी याद आ जाता है। 

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

आज कल ना जाने क्यों जख्म गहरा दर्द मिठा
सा लगने लगा है,
सच कहू तो मुझे भी अधुरी मोहब्बत की मुकम्मल 
डिग्री सा मिलने लगा है।

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

नजर से नजर मिली सुकून दिल को मिली,
कुछ देर की मुलाकात, तडप जिन्दगी भर की मिली 

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

तुम हमें लाख पत्थर मरो मगर में गुलाब फूल ही दूगा,
मेरे सब्रर का इंतिहाम मत लो वरना नक्शे से मिटा दुगा ? 

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

कुछ लोग बड़े हिम्मत, और बड़े दिल वाले होते हैं
सबके सामने मुस्कराते,गर बाथरूम में जाकर रो लेते हैं
इनके भी अजीब शौक होते,तनहाही से बातें कर लेते हैं
अपने ही साये से लिपट कर आँसू पोछ लिया करते है
भिषम तो नहीं मिलन मगर कसम दे रखा हैं जूबान को
राजे दिल मोहब्बत लिए एक दिन रुखसत करेगा जहान को

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

कल तक तो मैं गैर ना था आज कल क्यों गैर सा हूँ,
ये मेरी किस्मत है कि तेरे शहर में अजनबी सा हूँ।


⭐ आनन्द

18 January 2020

KHYAL/Poetry:- फूलों की औकाद कहां


तुम्हारा ख्वाब आँखों में इस कदर आज कल रहता है
ना दिन को चैन ना रात को करार आज कल मिलता है

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

फूलों की औकाद कहां नजरें मिला ले मेरे महबूब से,
मैं तो डालीयो को देखा झुकते उसके आगे अदब से

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

मैं चोर तो नहीं, पर चोर निगाहों से तुझे देखता 
कल तक घंटों इंतजार नुक्कड़ पर किया करता 
कहने के लिए तू मुझसे दूर गयी हम बिछड़ गये,
सकून ए दिल अपडेट तेरी तस्वीर फेसबुक पे देखता

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

प्रेम राधे कृष्ण सा हम दोनों किया ये भी सच्च हैं
कभी हम इजहार ए मोहब्बत किया ये भी सच्च हैं।
हम उम्मीद भरी निगाहों से देखते रहे ये भी सच्च हैं,
हम दूर बहुत दूर जाते देख रोते रहे ये भी सच्च हैं। 

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

राग द्धेष की बातें हम क्यों नहीं समझते है,
वो अपना ही भाई है क्यों नहीं समझते है
मैं हिन्दू तू मुसलमान इस नफरत में जलते रहे ?
मातृभूमि अपनी एक हैं क्यों नहीं समझते हैं।

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

सभी खुश है मुझसे एक तेरे सिवा ?
उस गजल की तलाश में आज भी हूँ,
जिसे सुना मैं तुझे खुश कर सकूँ


⭐ आनन्द

Khyal/Poetry:--गजब की सौधी महक है तेरे


जी करता लौट जाऊ फिर से उन तंग गलियों में, 
नंगे पाँव दौड़ा करता था कभी जिन तंग गलियों में
उजालो ने जकड़ रखा है पैर परदेश में, चाह कर भी 
लौट नहीं पाता हूँ फिर से उन तंग गलियों में

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

गजब की सौधी महक है तेरे बदन की,
बरसों बाद भी महसूस होता गलीयो से गुजरने पर 

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

हसरत पहले ही राख हो चुकी,तमंना फिर भी बाकी है
की तेरे शहर से गुजरु और तुझे मालूम हो तो
एक कप चाय, पिलाने के लिए मुझे जरूर बुला लेना

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

मैं हैरान हूँ उस बाग को देखकर, जिसे वर्षो पहले भुला था
हाँ, याद आया ओ लम्बी मुलाकाते, घंटों साथ बिताया था।
⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐
अपनी नजरों से हमे ना उतारो, तुम्हारे दिल से निकल जाऊंगा
समय का किया भरोसा कभी तो तेरे लिए पुराना हो जाऊंगा

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

धीरे धीरे दिल की धड़कन कम होती जा रही है,
ऐसा लग रहा मिलन की घड़ी खत्म होती जा रही है
अपनी यादो में मेरी सूरत बसाए रखना सनम,
मेरी रूह अब आसमा में खुदा से मिलने जा रही है 

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

काफ़ी दिनों से हिचकी नही आयी है,
ऐसा लगता है किसी अपने ने भुला दिया है।

⭐ आनन्द

KHYAL/POETRY:-- टुकड़ों टुकड़ों में जीता


टुकड़ों टुकड़ों में जीता रहता हूँ
तिल तिल हर पल मरता रहता हूँ
बंजर ए दिल मेरी "जान" पहले ना था ?
आँसूओ से हर पल सिचता रहता हूँ
एक टुकड़ा मिलन दूसरी जूदाई की
दो पाटो में हर पल पिसता रहता हूँ
परिदो में कुबत कहां चूजे बचा ले ?
शिकारी देख हर पल रोता रहता हूँ
तमाम कोशिश किए हम मिल ना सके ?
फिर भी मिलन की दुआ करता रहता हूँ 

⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐ 

रुठ के हम जायेगे कहां ? रो लेगे, धो लेगे,
थक हार कर बच्चों की तरह -
तेरी आँचल से लिपट सो लेंगे । 

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मेरी ना सही किसी और की सही,
इस जहाँ में ना सही उस जहाँ सही
कहने के लिए वो अपना ना सही,
पर थी कभी अपनी ये बात है सही 

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मैं नादान भोला हु मुझे नादान भोला ही रहने दो
ये जख्म गहरे और ताजे हैं इसे ढके ही रहने दो
आंसू से लबा - लब भरेआँखों का ये किनारा
तुम ये गहरे राज ना पूछो इसे राज ही रहने दो

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उसके दुश्मन है बहुत, आदमी अच्छा होगा,
2जी, 3जी, 4जी, 5जी, की तरह दाग नहीं लगा होगा
आदत सी है कुछ लोगों को, रेनकोट पहन कर नहाने की
ये कला तो छपन इंच सीने, वाले को नहीं आता होगा।
⭐ ANAND

KHYAL/POETRY:- तुम्हारा नाम आज भी


सिकायत ये नही खुदा से की तुझे पा ना सका
हां शुक्रगूजार हू खुदा का कि मेरे आसुओं को 
अल्फाज बना तुझ तक पहुचा रहा

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मैं खुश था वो मेरी पहली और आखिरी तलाश थी
मगर, वो मुझसे खुश नहीं उसे किसी और की तलाश थी ?

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तपन तो हर चीज में है अगर, सूरज में है आग
तो चाँद में सितलता मुझ में है प्यार तो तुझ में नफरत 

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तुझसे मोहब्बत करने के लिए गलियों से दोस्ती करनी पड़ी
तुझसे मोहब्बत तो होना सका ?मगर, दोस्तों से आज भी 
दोस्ती निभानी पड़ी 

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तुम्हारा नाम आज भी उतना ही फ़क्र और इज्जत से लेता हूँ
जितना की पहले अदब से लिया करते थे

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तुझे पाने की हसरत पहले था, अब नही है
धडकन में तेरा ही नाम सुनू, ये ललक आज भी है 

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तलब कुछ इस कदर, मेरे दिलो ए दिमाग में लगा 
कि जब तक तेरा नाम ना लू, जान ए सुकून नहीं मिलता 

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तुम हमारे जिन्दगी से जाना चाहती तो 
क्षणीक शौक के लिए कभी मत जाओ ?
सीता बन पतिव्रता की अग्निपरिक्षा 
देने के लिए कभी मत आओ।
जमाना किसे और क्यों ताना मारेग 
इसका थोड़ा सा भी गम नहीं है तुझे
मैं टूटा कमजोर दिल मिलूंगा मुझे वो
राम बनाने के लिए कभी मत आओ ?


⭐ ANAND