20 January 2020

Khyal/Poetry:--हाँ चोर तो मैं कल भी था


हाँ, चोर तो मैं कल भी था और आज भी हूँ,
ये अलग बात हैं कि कल तक दिल चुराया करता था,
आज कल उनकी तस्वीर फेसबुक से चुराया करता हूँ।

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तेरे साये से लिपट कर रोने का आज मन करता हैं,
सच कहूँ तो दिल से गुनाह कबूल करने का मन करता हैं।
मोहब्बत खेल होता गर तो सबसे बड़ा खिलाड़ी मैं होता ?
हर दिल फरेब को दिल तोड़ने का सजा जरूर मिलता है।

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मैं अपने हिस्से का प्यार तुझे आज भी देता हूँ,
तेरी हर इनकार को आज भी हँस कबूल लेता हूँ।
मेरे हर गीत में खुशबू की तरह महकती हो,
जो गीत ना महके गेरों का लिखा समझ लेता हूँ।

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दिल परेशान है इस कदर आज क्यों फिर से,
दबी हुई मोहब्बत जाग उठी आज क्यों फिर से।

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अपनी आँखों से देखा तो अजनबी सा लगा,
माथे को दुखाया तो सारा समंदर याद आने लगा।
हाँ, तुम वो ही हो ना जो वर्षो पहले मेरी आरजु बनी थी ?

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आज कल दिल बोझ सा क्यों लगने लगा हैं,
उसके नाम के साथ मेरा नाम क्यों जुड़ने लगा हैं।
मोहब्बत नाम सुन रखा था बहुत पहले जमाने से ,
न जाने मुझे एहसास मोहब्बत सा क्यों होने लगा हैं।

⭐ आनन्द

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