तू तो नहीं आती मुझसे मिलने होगी तुम्हारी कोई मजबूरी ?
मगर तुम्हारी यादें अक्सर मुझे "अनाहूत” की तरह आ जाती।
मगर तुम्हारी यादें अक्सर मुझे "अनाहूत” की तरह आ जाती।
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तेरे बगैर हम युहि कहीं सुवह से शाम गुजार लिया,
यादों में दिन ख्वाबो में रात कई साल गुजार दिया।
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सुन पगली मैं इतनी आसानी से तुझे भूला नहीं सकता,
हाँ, ये बात अलग है साँसें रुक जाय व दिमाग तुझे याद ना कर सकें।
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किसी की नजर में खुद को गिरा लेना कहां की अकल मंदी है ?
खुद को गिराकर किसी की जिन्दगी सवार देना जरूर अकल मंदी है।
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कैसे कैसे लोग होते दर्द को मीठा कहते,
जख्म को तोहफा समझ गले लगाये रहते।
खुद से ही बातें करते अपनी ही दुनिया में रहते,
लाख दे दो हुर इनको प्यार से ना धोखा करते।
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मैंने हर चीज को बिकते हुए देखा है बाजार में,
आप ना मानो मगर मोहब्बत भी बिकते है बाजार में।
हमारा प्यार क्यों बिखर जाता परवान चढ़ने से पहले,
क्योंकि Dr. En. Gov. IT वाले खरिद ले जाते शहर में I
(खरीद=शादी)
⭐ Anand
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